रविवार, 11 दिसंबर 2011

तुम हो फूल गुलाब के जैसी, खुश्बुदार पवन हो!
तुम मेरे जीवन की रौनक, खुशियों का उपवन हो!

पल पल मेरे साथ हो रहती, जीवन को उल्लास हो देती!
रेगिस्तानी तेज धूप में, पानी का एहसास हो देती!
तुम हो आकर्षक झरने सी, नदियों सा यौवन हो!
तुम मेरे जीवन की रौनक, खुशियों का उपवन हो....

तुम दिल की धड़कन में रहती, रक्त कणिका बनकर बहती!
तुम हो मेरी मार्ग प्रदर्शक, वाणी में सच बनकर रहती!
तुम हो सुन्दर धवला जैसी, तुम सच का दर्पण हो!
तुम मेरे जीवन की रौनक, खुशियों का उपवन हो....

तुम सपना बनकर हो रहती, पत्तों पे शबनम सी रहती!
तुम ही मेरी भूख प्यास में, थाली में भोजन सी रहती!
"देव" के जीवन की सम्रद्धि, काजल भरे नयन हो!
तुम मेरे जीवन की रौनक, खुशियों का उपवन हो....

तुम हो फूल गुलाब के जैसी, खुश्बुदार पवन हो!
तुम मेरे जीवन की रौनक, खुशियों का उपवन हो!

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