रविवार, 20 नवंबर 2011

माना दुनिया बदल गई माँ -पर मै तेरे चरण दबाऊंगा |
पूरी दुनिया में मिला चैन ना -बस तेरे चरण में पाऊंगा ||
धन की माँ है कमी नहीं पर -वो चैन कही न मिलता है |
अपनी मिटटी से अलग हुआ -फूल कहा फिर खिलता है ||
भूल नहीं मै सकता माँ -माता -पिता का संस्कार कभी |
जो ध्यान है रखता मात -पिता का -घेरे न अन्धकार कभी ||
लुट जाऊ ,लुट जाये सब कुछ -माँ तेरा प्यार तो पाउँगा |
माना दुनिया बदल गई माँ -पर मै तेरे चरण दबाऊंगा ||
ह्रदय

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